About Sukanya Samriddhi Yojana in Hindi
सुकन्या समृद्धि योजना इन हिंदी - Sukanya Samriddhi Yojana in Hindi
वित्तीय वर्ष 2015-16 में सुकन्या समृद्धि योजना_Sukanya Samridhi Account 9.2 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की घोषणा के साथ भारत की सबसे ज्यादा लाभ प्रदान करने वाली बचत योजना बन गयी है। इस योजना में निवेश राशि के साथ ही साथ ब्याज और परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पर भी टैक्स छूट मिलती है। इस तरह यह योजना पीपीएफ के समकक्ष पहुंच गयी है, जिसमें तीन स्तरों पर टैक्स छूट मिलती है। लेकिन ब्याज के मामले में सुकन्या खाता पीपीएफ से ज्यादा लाभप्रद है। पीपीएफ पर 8.75 फीसदी ब्याज मिल रहा है जबकि सुकन्या खाता पर 9.2 फीसदी ब्याज प्राप्त होता है।
बालिकाओं के लिए विशेष रूप से बनाई गयी इस योजना की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार से हैं:
खाता परिचय:
यह खाता बालिका के नाम से उसके अभिभावक/संरक्षक द्वारा के द्वारा खोला जाता है, जो बालिका की दस वर्ष की उम्र तक ही खोला जा सकता है। यह खाता पूरे देश में कहीं भी स्थानांतरित किया जा सकता है।
एक बालिका के नाम से पूरे भारत में केवल एक ही खाता खोला और संचालित किया जा सकता है।
माता-पिता या संरक्षक अपनी केवल दो बालिकाओं के लिए ही यह खाता खोल सकते हैं। जुड़वा बच्चे के संबंध में प्रमाण प्रस्तुत करने पर तीसरा खाता खोलने की अनुमति भी प्रदान की जा सकती है।
यह खाता एक हजार रूपये की न्यूनतम राशि के साथ खोला जाएगा और प्रत्येक वित्तीय वर्ष में इसमें न्यूनतम एक हजार और अधिकतम एक लाख पचास हजार रुपये जमा किए जा सकते हैं।
खाता संचालक संस्थाएं:
यह खाता पोस्ट आफिस सहित निम्न बैंकों में खोला जा सकता है-
स्टेट बैंक, स्टेट बैंक आफ पटियाला, स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक आफ ट्रावनकोर, स्टेट बैंक आफ हैदराबाद, स्टेट बैंक आफ मैसूर।
राष्ट्रीयकृत बैंक: आंध्रा बैंक, इलाहाबाद बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया, कारपोरेशन बैंक, देना बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, यूको बैंक, ओरियंटल बैंक आफ कामर्स, यूनियन बैंक आफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, विजया बैंक, आईडीबीआई बैंक।
निजी बैंक: एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक
खाता संचालन:
बालिका द्वारा दस वर्ष आयु प्राप्त करने के पश्चात वह स्वयं उसको संचालित कर सकेगी तथा खाते से आंशिक अथवा पूर्ण निकासी के समय मिलने वाली रकम बालिका के नाम होगी।
बालिका की मृत्यु होने की दशा में संरक्षक का खाता बंद कर दिया जाएगा और राशि ब्याज सहित उसके संरक्षक को प्रदान कर जी जाएगी।