About सतसंग
सत्यानुसरण
श्रीश्रीठाकुर अनुकूलचन्द्र जी का श्रीहस्तलिखित अमृत निर्देश
सूचना
परमप्रेममय श्रीश्रीठाकुर अनुकूलचन्द्रजी के अन्यतम प्रिय भक्त थे अतुलचन्द्र भट्टाचार्य! कर्म जीवन पबना से दूर लिये जा रहा था उन्हें! विरह-विच्छेद कातर भक्त ने प्रेमाश्रु धारा लिये श्रीहस्तलिखित अमृत-निर्देश के लिये प्रार्थना की जिससे वे निरन्तर दिव्यभावधारा से अनुप्राणित रह सकें। बाईस वर्ष की उम्र में श्रीश्रीठाकुर ने एक रात में अपनी अमृत निष्यन्दी स्वतः उत्सारी वाणी लिपिबद्ध की। आखिर भक्त की प्रार्थना ने पृथ्वी पर मन्दाकिनी की पुण्य-धारा बहा दी, जो केवल भक्त को ही नहीं अपितु हर मनुष्य को युग-युग में संजीवित किये रहेगी। Styanusrn
Nectar of Instruction G Srihstlikit Srisritakur Anukulcndra
information
Bhattacharya Atulcndra Prmpremmay Srisritakur Anukulchandrji most precious darling devotee! The Karma was going away from them without a life! Premasru stream for separation divorce gingerly devotee Srihstlikit prayed for nectar-directed animated than they continued to live Diwybavdhara. A night at the age of twenty-two Srisritakur recorded voice of their nectar Utsari Nisyandi automatically. After the prayer of the man's death on earth Way the stream flowed, not only the man but every man in eternity will be animated.
by U####:
Vande purushottamam;jai guru Dayal ki daya ...